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हैल्लो!
क्या आप भी चिकन खाने के शौकीन हैं। यदि हां तो अलबेला चिकन वाला आपके लिए लाये है बिल्कुल देसी विधि से तैयार देसी चिकन।
जो है आपके स्वाद और सेहत दोनों में खरा।
अलबेला चिकन वाला क्यों है सेहत के लिए इतना फायदेमंद? जानने के लिए अंत तक पढें।
अलबेला चिकन वाला अपने फार्म में पाले हुए देसी मुर्गे को ही आपको बना कर परोसता है।
1. अलबेला चिकन वाला द्वारा पाले गए मुर्गो को कोई भी अंग्रेजी दवाइयां नही दी जाती है।
2. मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए देसी दवाइयों या देसी खान पान ही दिया जाता है।
3. मुर्गियों को लहसुन, प्याज, हल्दी या अदरक जैसी देसी चीजें दी जाती हैं। जो उनमे रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है।
4. मुर्गियों को खुले में रखा जाता है।
5. खुले में मुर्गियों कंकड़, दाने या अन्य चीजें खाती है, जो उनके शरीर मे कैल्शियम को बढ़ाता है।
6. मुर्गियों को ऐसी दवाइयां नही दी जाती जिससे कि उनमें असामान्य तरीके से वजन को बढ़ाया जाता हो।
7. अतः मुर्गियों को कुदरती तरीके से पाला जाता है। जिससे कि उन्हें खाने से कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या न हो।
अलबेला चिकन वाला न सिर्फ मुर्गों को पालने में इतने सावधानी रखता हैं बल्कि इन्हें पकाने में भी पूरी सावधानी रखी जाती है।
1. सफाई संबंधित: अलबेला चिकन वाला में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।
2. शुद्ध तेल: अलबेला चिकन वाला में चिकन को पकाते समय कच्ची घानी सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता हैं ।
3. सब्जियों का इस्तेमाल: अलबेला चिकन वाला में शुद्ध व ताजी सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। जो स्वाद व सेहत दोनो को बढ़ाता है।
4. सूखे मेवों का इस्तेमाल: अलबेला चिकन वाला में ताजी सब्जियों के साथ साथ सूखे मेवों का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाता हैं। जो इसके स्वाद को और भी लजीज बना देता हैं।
5. देसी विधि: अलबेला चिकन वाला में चिकन को दिए विधि से तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए पर्याप्त समय तक पकाया जाता हैं। बाजार से ऐसी कोई चीज इसमे नही डाली जाती जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो।
6. देसी मसाले: अलबेला चिकन वाला अपने ही देसी मसालो का इस्तेमाल करता है, जिनका सेवन बिल्कुल सुरक्षित है।
इनमे कुछ मुख्य बातें है जो आपको संक्षेप में बताई गई गयी है। अधिक जानने के लिए आज ही आर्डर करे अलबेला देसी चिकन। क्योंकि जब आप इसको चखोगे तो बस अलबेला चिकन ही रटोगे।